छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालय रायगढ़ से 12 किलोमीटर पूर्व में रायगढ़ विकास खंड के इस वनांचल ओड़िसा सीमावर्ती पिछड़ी जाति, आदिवासी , हरिजन बाहुल्य इलाके में उच्च शिक्षा की आवश्यक महसूस की गयी । विशेषकर बालिका शिक्षा को लेकर इस अंचल के विद्यानुरागियों के मन में वर्षों से स्वप्न पल रहा था ।
आखिर इस स्वप्न को साकार करने के लिए स्व. श्री शशिधर पंडा सेवानृवित्त प्राचार्य एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारी की अध्य्क्षता में बटमूल आश्रम साल्हेओना जिला रायगढ़ में शिक्षण समिति साल्हेओना का गठन किया गया ।
तत्पश्चात सबके सामूहिक प्रयास से ग्राम महापल्ली में मध्यप्रदेश शासन एवं गुरु घासीदास विश्वविद्यालय द्वारा बटमुल महाविद्यालय को सम्बद्धता प्राप्त हुई । महाविद्यालय का शुभारम्भ प्रख्यात भूगोलविद डॉ बी पी पंडा ,प्राचार्य के कर कमलों से हुई । महाविद्यालय के प्रथम प्राचार्य होने का श्रेय प्रो पी एन मेहरा को मिला ।

